ईरान में एक दर्दनाक घटना सामने आई है जहां कोयला खदान में विस्फोट के कारण 30 मजदूरों की मौत हो गई और 17 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब खदान के अंदर काम चल रहा था। विस्फोट की वजह से खदान में बड़ी मात्रा में मलबा गिरा, जिससे अंदर काम कर रहे मजदूर फंस गए। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
विस्फोट कब और कैसे हुआ?
हादसा ईरान के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक कोयला खदान में हुआ, जहां सुरक्षा मानकों की कमी बताई जा रही है। विस्फोट इतना भयंकर था कि उसने खदान के बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया। प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार, विस्फोट की वजह खदान में गैस का रिसाव हो सकता है, जो कोयले के धूल के संपर्क में आकर आग का कारण बना।
राहत और बचाव कार्य
विस्फोट के तुरंत बाद राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे और मलबे में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। 17 घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। हालांकि, मलबे की गहराई और खदान के अंदर की स्थिति के चलते राहत कार्य में मुश्किलें आईं। बचाव दल लगातार इस प्रयास में जुटे रहे कि और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
खदान की सुरक्षा को लेकर सवाल
इस हादसे ने ईरान में कोयला खदानों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खदानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और श्रमिकों के जीवन को खतरे में डालने की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि इस खदान में सुरक्षा संबंधी निरीक्षण समय पर नहीं हुआ था, जो कि इस त्रासदी का एक बड़ा कारण हो सकता है।
परिवारों में शोक की लहर
इस दर्दनाक घटना से मरने वालों के परिवारों में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्होंने सरकार से इस हादसे की उचित जांच की मांग की है। परिवारों का कहना है कि खदानों में सुरक्षा की अनदेखी करना मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ है।
सरकार की प्रतिक्रिया
ईरान सरकार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और तत्काल उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। राष्ट्रपति ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए खदानों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यह हादसा हमें यह याद दिलाता है कि खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। सरकार को खदानों में सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।