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सुमित अनतिल: भारत का एक और gold boy


सुमित अनतिल का जीवन संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और लगन से नई ऊंचाइयों को छुआ। बचपन में पिता को खोने के गम को झेलते हुए, सुमित ने जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। लेकिन किस्मत ने उन पर एक और बड़ा झटका दिया जब एक सड़क हादसे में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया।


पैर खोने के बाद भी हार नहीं मानी
पैर खोना किसी के लिए भी एक बड़ा सदमा हो सकता है, लेकिन सुमित ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपनी कमजोरी को अपनी ताकत में बदल दिया। उन्होंने अपनी खेल प्रतिभा को निखारा और पैरालंपिक में भाग लेने का फैसला किया।


गोल्ड मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित किया
अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सुमित ने पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीते और देश को गौरवान्वित किया। उनकी इस सफलता ने दुनिया को दिखाया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प के साथ कोई भी असंभव को संभव बना सकता है।


सुमित अनतिल से सीख
सुमित अनतिल की कहानी हमें प्रेरित करती है कि जीवन में आने वाली मुश्किलों से घबराना नहीं चाहिए। हमें हमेशा अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहना चाहिए और कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए। सुमित ने हमें सिखाया है कि असंभव शब्द केवल कमजोर लोगों के लिए होता है।

सुमित अनतिल एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से न केवल देश का नाम रोशन किया बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने। उनकी कहानी हमें बताती है कि अगर हम दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ें तो हम जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
आइए हम सभी सुमित अनतिल से प्रेरणा लें और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करें।

 

 

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