बीसीसीआई यानी भारत का दबदबा साफ दिखता है. ये अब और भी ज्यादा बढ़ जाएगा क्योंकि अब एक हिंदुस्तानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल का नया बॉस बन गया है. कई दिनों की अटकलों के बाद आखिरकार आधिकारिक तौर पर ऐलान हो गया है- जय शाह ही आईसीसी के नए बॉस होंगे.
बीसीसीआई के मौजूदा सचिव जय शाह को आईसीसी का नया चेयरमैन बनाया गया है. वो इस पद पर मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल नवंबर में खत्म हो जाएगा. जय शाह के चेयरमैन बनने के साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की टेंशन सबसे ज्यादा बढ़ गई है और आने वाले महीने उसके लिए मुश्किल हो साबित हो सकते हैं.
सबसे युवा ICC चेयरमैन बने शाह
पिछले 5 साल से बीसीसीआई के सचिव के तौर पर जय शाह ने विश्व क्रिकेट में अपनी खास पहचान बनाई है. दुनिया के ज्यादातर क्रिकेट बोर्ड के प्रशासकों के साथ उनके रिश्ते अच्छे रहे हैं. इसके चलते जय शाह को इस पद के लिए कोई चुनौती पेश नहीं मिली. आईसीसी ने कुछ ही दिनों पहले ग्रेग बार्कले के पद छोड़ने का ऐलान किया था जो लगातार 2 कार्यकाल से ये जिम्मेदारी संभाल रहे थे. आईसीसी के संविधान के मुताबिक चेयरमैन को लगातार 3 कार्यकाल मिलने का प्रावधान है लेकिन न्यूजीलैंड के बार्कले ने तीसरे कार्यकाल से इनकार कर दिया था, जिसके बाद से ही जय शाह के इस पद पर आने की चर्चा तेज हो गई थी.
आईसीसी ने चेयरमैन पद के लिए नामांकन के लिए 27 अगस्त आखिरी तारीख तय की थी. नियमों के मुताबिक 2 या उनसे ज्यादा उम्मीदवार होने पर चुनाव होता, जिसमें आईसीसी के 16 सदस्यों वाला बोर्ड वोटिंग करता लेकिन जय शाह के उम्मीदवार बनने की स्थिति में ये पहले ही साफ था कि उनके सामने कोई अन्य दावेदार नहीं होगा क्योंकि उन्हें पहले ही बोर्ड के 14-15 सदस्यों का समर्थन प्राप्त था. ऐसे में 27 अगस्त को नामांकन के साथ ही जय शाह का चेयरमैन बनना तय हो गया और फिर आईसीसी ने भी उनके नाम का ऐलान कर दिया. सिर्फ 35 साल के शाह आईसीसी के इतिहास के सबसे युवा चेयरमैन होंगे. वो 1 दिसंबर से अपना कार्यकाल संभालेंगे और अगले 6 साल तक चेयरमैन रह सकते हैं.
पाकिस्तान का क्या होगा अब
जय शाह के चेयरमैन बनने के साथ ही सबसे ज्यादा टेंशन पाकिस्तान को होने लगी है. पहले से ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आईसीसी में भारतीय बोर्ड के प्रभुत्व की शिकायत करते रहे हैं और खास तौर पर सचिव जय शाह को पाकिस्तानी क्रिकेट की खस्ता हालत के लिए जिम्मेदार बताते रहे हैं. अब शाह के चेयरमैन बनने से पाकिस्तान और भी ज्यादा परेशान होने लगा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी.
इस टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने पर पहले से ही सवाल हैं, जिसके चलते टूर्नामेंट के पूरी तरह से पाकिस्तान में होने की संभावना नहीं है लेकिन पीसीबी इस भरोसे बैठी थी कि आईसीसी किसी तरह बीसीसीआई को इसके लिए मजबूर कर दे. अब शाह के चेयरमैन बनने के बाद बस उनकी एक ‘हां’ के साथ ही चैंपियंस ट्रॉफी को हाइब्रिड मॉडल पर या पूरी तरह से पाकिस्तान से बाहर आयोजित करना पड़ सकता है.