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Latest News: Sensex, Nifty Fall as Market Bloodbath Continues – 4 Crucial Insights for Investors

By thesonukumar56

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Latest News: Sensex, Nifty Fall as Market Bloodbath Continues – 4 Crucial Insights for Investors

हाल ही में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर देखा गया है, जो निवेशकों के लिए चिंता का कारण बना है। सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने उच्चतम स्तरों से 10% से अधिक गिरावट के साथ एक सुधार क्षेत्र में प्रवेश किया है। यह गिरावट विशेष रूप से खुदरा निवेशकों को चिंतित कर रही है, जो अब यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या बाजार ने निचला स्तर छू लिया है, या फिर और गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों में एक और भारी गिरावट आई, जिससे सेंसेक्स 500 अंक से अधिक गिर गया और निफ्टी 23,400 के नीचे चला गया। इस ब्लॉग में हम इस गिरावट के कारणों और निवेशकों को क्या कदम उठाने चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

बाजार क्यों गिर रहे हैं?

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भारतीय शेयर बाजार में हाल की गिरावट के पीछे कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निरंतर बिकवाली है। नवंबर महीने में अकेले एफपीआई ने 29,533 करोड़ रुपये की निकासी की है, और इस साल सितंबर से अब तक कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये का पूंजी बहाव हुआ है। यह पूंजी बहाव निफ्टी के उच्चतम स्तर से घटते हुए बाजार में भारी दबाव डाल रहा है।

इसके अतिरिक्त, अमेरिकी बांड यील्ड्स में वृद्धि, कमजोर कॉर्पोरेट कमाई, और वैश्विक आर्थिक चिंता भी बाजार की धारणा को नकारात्मक बना रही है। डॉ. वी.के. विजयकुमार, जो जोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट हैं, ने कहा कि “एफआईआई की निरंतर बिकवाली, कमाई में गिरावट और ट्रम्प ट्रेड के परिणामों का असर बाजार पर पड़ा है। अब निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।”

क्या निवेशकों को चिंता करनी चाहिए?

हालाँकि, वर्तमान बाजार स्थितियाँ बहुत अधिक नकारात्मक दिख रही हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को डरने की आवश्यकता नहीं है। डॉ. विजयकुमार ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे उन क्षेत्रों पर ध्यान दें जो मजबूती दिखा रहे हैं, जैसे डिजिटल कंपनियाँ और उच्च गुणवत्ता वाले बैंकिंग स्टॉक्स। उन्होंने यह भी कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और एइचर मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियाँ अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, जबकि छोटे और मंझले स्टॉक्स में अत्यधिक बिकवाली हो रही है।

समीत चव्हाण, एंजल वन के तकनीकी विश्लेषक, ने कहा कि बाजार में बिकवाली का दबाव जारी रहने के बावजूद, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बाजार में कुछ सुधार हो सकता है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे छोटे और मंझले स्टॉक्स में “बॉटम-फिशिंग” से बचें और जब बाजार स्थितियाँ स्थिर हों, तब गुणवत्ता वाले स्टॉक्स का धीरे-धीरे संग्रह करें।

बाजार में कब तक गिरावट रहेगी?

यह सवाल एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि बाजार के निचले स्तर की भविष्यवाणी करना कठिन होता है। हालांकि, तकनीकी संकेतक यह सुझाव दे रहे हैं कि एक शॉर्ट-टर्म रिबाउंड हो सकता है। लेकिन वैश्विक कारक जैसे बढ़ते बांड यील्ड्स और एफआईआई की बिकवाली, यह संकेत देते हैं कि बाजार में सुधार में कुछ समय लग सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे घबराएं नहीं और किसी भी तरह की पैनिक सेलिंग से बचें।

इतिहास से यह स्पष्ट होता है कि शेयर बाजार में गिरावट के बाद अक्सर अच्छे निवेश के अवसर सामने आते हैं। इसलिए, निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराए बिना, एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बाजार में कई अच्छे अवसर मौजूद हो सकते हैं, लेकिन उन अवसरों को पहचानने के लिए निवेशकों को समय और धैर्य की आवश्यकता है।

निवेशकों के लिए 4 महत्वपूर्ण बातें:

1. लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाएं: मौजूदा बाजार गिरावट के बावजूद, लंबी अवधि में निवेश की रणनीति अपनाना सर्वोत्तम रहेगा। जैसे ही बाजार में सुधार होगा, आपको अच्छा लाभ मिल सकता है।

2. बड़ी कंपनियों में निवेश करें: छोटी और मंझली कंपनियों में भारी बिकवाली हो रही है। ऐसे में बड़ी और स्थापित कंपनियों में निवेश करने से जोखिम कम हो सकता है।

3. बाजार में उतार-चढ़ाव को समझें: बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। इसे समझने और धैर्य रखने से आपको बेहतर अवसर मिल सकते हैं।

4. आधारभूत विश्लेषण पर ध्यान दें: किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसके आधारभूत तथ्यों का विश्लेषण करें। एक मजबूत वित्तीय स्थिति और अच्छा प्रबंधन कंपनी के लंबे समय तक सफलता पाने की संभावना को बढ़ाता है।

भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों गिरावट का दौर देखा जा रहा है, जो निवेशकों के लिए चिंताजनक हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और इसके बाद बाजार में अच्छे अवसर सामने आ सकते हैं। निवेशकों को घबराने की बजाय धैर्य से काम लेना चाहिए और अपने निवेश की रणनीतियों को लंबे समय के दृष्टिकोण से तैयार करना चाहिए।

शेयर बाजार में इस तरह के उतार-चढ़ाव को समझना और समय-समय पर अपने निवेश को पुन: मूल्यांकन करना एक अच्छा कदम हो सकता है। इस समय, बाजार में बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स को सहेजना और छोटे तथा मंझले स्टॉक्स से सावधान रहना बेहतर रहेगा। भविष्य में बाजार में सुधार हो सकता है, और उस समय की तैयारियों को अभी से करना फायदेमंद हो सकता है।

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