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कोलकाता रेप एंड मर्डर केस में एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि 9 अगस्त की रात 2:45 बजे तक पीड़िता डॉक्टर जीवित थीं।
इस बात की पुष्टि एजेंसियों के पास मौजूद तकनीकी साक्ष्यों से हुई है। दरअसल, उस रात पीड़िता की कजिन ने उन्हें एक मैसेज भेजा था, जिसका जवाब पीड़िता ने रात 2:45 बजे के आसपास दिया था। तकनीकी साक्ष्यों के अनुसार, पीड़िता के मोबाइल फोन से उस समय एक मैसेज भेजा गया था, जो उनके जीवित होने की ओर इशारा करता है। एजेंसियों ने इस मैसेज को महत्वपूर्ण सुराग के रूप में माना है, जो पीड़िता के अंतिम समय के बारे में जानकारी दे सकता है।
क्या पीड़िता ने ही भेजा था मैसेज?
एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या यह मैसेज खुद पीड़िता ने भेजा था या किसी और ने उनके फोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि, शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि मैसेज उनके फोन से ही भेजा गया था। वहीं, इस मामले में एजेंसियों द्वारा तकनीकी साक्ष्यों की गहनता से जांच की जा रही है ताकि घटना की सही समय-सीमा और परिस्थितियों का पता लगाया जा सके। मैसेज की बात सामने आने के बाद, एजेंसियां अब आगे की जांच में जुटी हुई हैं, जिसमें इस मैसेज के समय और उसके बाद की गतिविधियों का विश्लेषण किया जा रहा है।
9 अगस्त की रात को रेप के बाद हुई थी हत्या
9 अगस्त की रात को आरोपी संजय रॉय ने दर्दनाक घटना को अंजाम दिया था। आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के बाद उससे हुई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। वहीं, वारदात के बाद संजय रॉय ने जो किया, उसने पुलिस को कई सवालों में उलझा दिया है। पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद संजय रॉय सीधे फोर्थ बटालियन गया और वहां जाकर सो गया। 10 अगस्त की सुबह जब वह उठा, तो उसने फिर से शराब पी और वापस सो गया। पुलिस को शक होने पर उन्होंने अस्पताल के सेमिनार हॉल के आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में संजय रॉय की गतिविधियों के साथ-साथ अन्य लोगों की भी पहचान की गई।
पूछताछ में हुए कई बड़े खुलासे
कोलकाता पुलिस ने CCTV फुटेज में दिख रहे लगभग 15 लोगों से पूछताछ की, जिसमें रात 3 बजे से 4 बजे के बीच अस्पताल में मौजूद लोगों को खास तौर पर शामिल किया गया। 4 बजे के आसपास आरोपी संजय रॉय की तस्वीर CCTV में कैद हो गई, जिसे अस्पताल में भर्ती सौरभ के भाई को दिखाया गया। सौरभ के भाई ने संजय की पहचान की। इसी पहचान के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढ़ाया, जिसमें ये बात सामने आई कि, सौरभ ने संजय को खाने पर बुलाया था, लेकिन रास्ते में ही सौरभ को उसके भाई ने कॉल किया और बताया कि संजय को पुलिस तलाश कर रही है।
गिरफ्तारी के दौरान नशे में था आरोपी
जब संजय सौरभ के पास पहुंचा, तो उसने खाना तो नहीं खाया, लेकिन बताया कि आरजी कर अस्पताल में एक कांड हो गया है और पुलिस उसे ढूंढ रही है। संजय ने जवाब दिया, “मैं देखता हूं,” और फिर वापस फोर्थ बटालियन पहुंचा फिर शराब पी और सो गया। जब कोलकाता पुलिस संजय को पकड़ने पहुंची, तब वह शराब के नशे में था। गिरफ्तारी के बाद संजय ने पुलिस को कहा, “मुझे फांसी दे दो।” गिरफ्तारी के दूसरे दिन भी संजय के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं दिखा। उसने पुलिस के सामने सारी बातें सामान्य तरीके से बताईं, जिसमें वारदात के बाद की उसकी हरकतें भी शामिल थीं।
ऑपरेशन थियेट क्या तलाश रहा था संजय ?
पुलिस ने यह भी जांच की कि उस रात संजय ऑपरेशन थियेटर (OT) क्यों तलाश रहा था। सूत्रों के मुताबिक, आशंका है कि संजय रॉय ने सेमिनार हॉल को ऑपरेशन थियेटर समझकर वहां प्रवेश किया हो।पुलिस ने संजय से पूछा कि उसने चेतला रेड लाइट इलाके में सेक्स क्यों नहीं किया, सिर्फ सौरभ ने ही क्यों किया, तो इसके जवाब में संजय ने कहा कि उसके पास पैसे नहीं थे। हालांकि, पुलिस संजय के इस बयान पर संदेह जता रही है और मान रही है कि उस रात संजय के दिमाग में पहले से ही किसी वारदात को अंजाम देने का इरादा था।
संजय के हाथ और जांघ पर खरोंच के निशान मिले
संजय रॉय की मेडिकल जांच में उसके हाथ और जांघ पर ताजा खरोंच के निशान मिले हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि वारदात के दौरान उसने संघर्ष किया हो। फिलहाल पुलिस संजय के हर बयान और गतिविधि की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस गंभीर अपराध की सच्चाई को सामने लाया जा सके।
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