अभिनेता विशाल कृष्ण रेड्डी आज यानी 29 अगस्त को अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दी जा रही हैं। विशाल सिनेमाघरों में धूम मचाने के लिए तैयार हैं क्योंकि उनकी कुछ पैन इंडिया फिल्में रिलीज होने वाली हैं।
फिटनेस फ्रीक हैं विशाल: विशाल ने बतौर अभिनेता ‘चेल्लामे’ से अपनी शुरुआत की। बाद में वह फिल्म ‘सत्यम’ में एक पुलिस वाले की भूमिका में दिखाई दिए, जिसके लिए उन्होंने सिक्स-पैक बनाए। भले ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें जबरदस्त लोकप्रियता मिली। विशाल फिटनेस के दीवाने हैं और अक्सर अपने प्रशंसकों को अपने वर्कआउट वीडियो के जरिए फिट रहने के लिए प्रेरित करते हैं।
चुनौतीपूर्ण भूमिकाएँ: विशाल ने अपनी फिल्मों में चुनौतीपूर्ण भूमिकाएँ करना शुरू किया और ‘अवन इवान’ में उनके किरदार को पसंद किया गया। इसलिए फिल्म सफल रही और इसके बाद विशाल ने कमर्शियल और कंटेंट ओरिएंटेड फिल्में कीं। अभिनेता की ‘पंडिया नाडू’ और ‘थुप्पारिवलन’ जैसी फिल्मों को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
एक्शन अवतार: विशाल ने अपनी फिल्म के लिए उग्र एक्शन सीक्वेंस करने की भी कोशिश की और कई बार घायल भी हुए। लेकिन उन्होंने जोखिम भरे स्टंट सीक्वेंस करने की अपनी कोशिश को कभी नहीं रोका या छोड़ा। विशाल का साहसी अंदाज प्रशंसकों को खूब पसंद आ रहा है। हैरानी की बात यह है कि उनकी एक्शन फिल्मों का एक अलग ही फैन बेस है। उन्हें एक्शन फिल्मों के लिए ही जाना जाता है।
सहयोगी नेता: विशाल अपने प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणा हैं क्योंकि वह सामाजिक गतिविधियों के जरिए उनका नेतृत्व करते हैं। अभिनेता अपने चैरिटी फाउंडेशन के जरिए उन प्रशंसकों की मदद भी करते रहे हैं जो अपनी जरूरतों से जूझ रहे हैं। वह नादिगर संगम (दक्षिण भारतीय कलाकार संघ) में भी शीर्ष पदों में से एक पर रहे हैं और लगातार संघ को सही राह पर ले जा रहे हैं।
अभिनेता के साथ-साथ निर्माता भी हैं विशाल: जानकारी के लिए बता दें कि विशाल ने फिल्म अर्जुन के लिए सहायक निर्देशक के तौर पर काम करके फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था। इसके बाद वह अभिनेता बन गए। उन्होंने रोमांटिक थ्रिलर चेल्लामई (2004) में अपनी पहली मुख्य भूमिका निभाई, इससे पहले उन्होंने एक्शन फ़िल्मों संदाकोझी, थिमिरु, थामिराभरणी और मलाईकोट्टई में अभिनय किया।
बॉक्स ऑफ़िस पर लगातार असफलताओं के बाद, विशाल ने अपना खुद का प्रोडक्शन स्टूडियो बनाने का फ़ैसला किया और तब से उन्होंने पांडिया नाडु (2013), नान सिगप्पु मनिथन (2014) और पूजाई (2014) जैसी फ़िल्मों का निर्माण किया है। यह साबित करता है कि असफलता के बाद उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि एक नया रास्ता चुना और एक सफल निर्माता बन गए।
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