World food day 2024: एक स्थायी और स्वस्थ भविष्य की ओर , हर साल 16 अक्टूबर को दुनियाभर में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में भूख और कुपोषण को समाप्त करना है। 2024 में यह दिन एक बार फिर हमें यह याद दिलाने के लिए आया है कि दुनिया के हर व्यक्ति को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन मिल सके, यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस वर्ष का थीम भी इसी दिशा में है – “स्थायी खाद्य प्रणालियों का निर्माण: स्वस्थ भविष्य के लिए मिलकर काम करें।”
विश्व खाद्य दिवस का इतिहास
विश्व खाद्य दिवस की शुरुआत 1945 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में की गई थी। FAO का मुख्य उद्देश्य वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना और भूख मिटाने के लिए आवश्यक कदम उठाना है। 1981 से हर साल इस दिन के लिए एक अलग थीम निर्धारित की जाती है, जो समय-समय पर होने वाली खाद्य समस्याओं और आवश्यकताओं पर केंद्रित होती है। 2024 में भी, यह दिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जैसे जलवायु परिवर्तन, कुपोषण, खाद्य असुरक्षा, और स्थायी कृषि।
इस वर्ष, 2024 का विश्व खाद्य दिवस “स्थायी खाद्य प्रणालियों का निर्माण” थीम पर आधारित है। यह थीम हमें जागरूक करने का प्रयास करती है कि हमारी खाद्य प्रणालियों को इस तरह से पुनर्गठित किया जाना चाहिए कि वे न केवल पर्यावरण के अनुकूल हों, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपयोगी और पोषण प्रदान करने वाली हों।
स्थायी खाद्य प्रणालियों का अर्थ है कि भोजन को इस तरह से उत्पादन और उपभोग किया जाए कि पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव कम हो और समाज के हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन मिल सके।
2024 में विश्व खाद्य दिवस का महत्व
1. भूख और कुपोषण से लड़ना: आज भी दुनियाभर में लगभग 821 मिलियन लोग भूख से पीड़ित हैं। यह दिन हमें इस गंभीर समस्या पर ध्यान देने और इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
2. खाद्य असुरक्षा: कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन, और राजनीतिक अस्थिरता के कारण, कई देशों में खाद्य असुरक्षा बढ़ गई है। इस दिन का उद्देश्य इन समस्याओं पर जागरूकता फैलाना और उनके समाधान के लिए रणनीतियां बनाना है।
3. कृषि में नवाचार: इस दिन का एक और प्रमुख उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है, जिससे हम अपने खाद्य उत्पादन को बढ़ा सकें और बेहतर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
4. जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: खाद्य उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। इस दिन का उद्देश्य उन तरीकों पर चर्चा करना है जिनसे हम जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम कर सकते हैं और खाद्य उत्पादन में स्थिरता ला सकते हैं।
हाइलाइट्स
16 अक्टूबर को विश्वभर में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
2024 की थीम: “स्थायी खाद्य प्रणालियों का निर्माण: स्वस्थ भविष्य के लिए मिलकर काम करें।”
वैश्विक भूख और कुपोषण की समस्या पर ध्यान केंद्रित करता है।
कृषि में नवाचार और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के प्रयासों पर जोर देता है।
स्थायी खाद्य प्रणालियों का महत्व
स्थायी खाद्य प्रणाली का मुख्य उद्देश्य खाद्य उत्पादन और वितरण को इस प्रकार से संगठित करना है कि यह पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव न डाले और लंबे समय तक चल सके। यह न केवल किसानों के लिए लाभदायक है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी स्वस्थ और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
स्थायी खाद्य प्रणालियाँ इस तरह से डिजाइन की जाती हैं कि वे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करती हैं, जैव विविधता को बढ़ावा देती हैं, और खाद्य कचरे को कम करती हैं। इसके अलावा, यह प्रणाली सामाजिक और आर्थिक रूप से भी लाभदायक होती है, क्योंकि यह छोटे और स्थानीय किसानों को समर्थन देती है और स्थानीय खाद्य बाजारों को सशक्त बनाती है।
भोजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कृषि में नवाचार आवश्यक है। यह नवाचार विभिन्न क्षेत्रों में हो सकता है, जैसे जैविक खेती, स्मार्ट कृषि तकनीक, और जलवायु-लचीली खेती। इससे न केवल खाद्य उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी कम होगा।
स्मार्ट कृषि तकनीक का एक उदाहरण ड्रोन तकनीक है, जिसका उपयोग फसलों की निगरानी, जल प्रबंधन, और कीट नियंत्रण के लिए किया जाता है। इसके अलावा, वर्टिकल फार्मिंग और हाइड्रोपोनिक्स जैसी तकनीकें भी भविष्य में खाद्य उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
कुपोषण और खाद्य असुरक्षा से निपटने के उपाय
दुनियाभर में कई लोग पर्याप्त भोजन नहीं प्राप्त कर पाते हैं, जिससे कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। विश्व खाद्य दिवस 2024 का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य इन समस्याओं से निपटने के उपायों पर चर्चा करना है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. स्थानीय किसानों को समर्थन देना: छोटे और स्थानीय किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता देकर खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
2. शिक्षा और जागरूकता: लोगों को पौष्टिक भोजन के महत्व के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे अपने खानपान में सुधार कर सकें।
3. सरकार और संगठनों का सहयोग: सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मिलकर नीतियों को लागू करना चाहिए, जिससे कुपोषण और भूख को कम किया जा सके।
विश्व खाद्य दिवस 2024 हमें यह सोचने का मौका देता है कि हम कैसे एक स्थायी और स्वस्थ भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। यह दिन न केवल भूख और कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि हम किस तरह से अपनी खाद्य प्रणालियों को सुधार सकते हैं ताकि हर किसी को पौष्टिक और सुरक्षित भोजन मिल सके। इसके लिए सरकारों, संगठनों और व्यक्तिगत स्तर पर हमें मिलकर काम करना होगा।
आवश्यक संसाधनों का सही उपयोग, कृषि में नवाचार और जागरूकता फैलाकर ही हम इस दिशा में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
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