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ऑटो PLI योजना ने किया 67000 करोड़ रुपये का निवेश: 2024 में ऑटोमोबाइल उद्योग को मिली मजबूती

ऑटो PLI योजना ने किया 67000 करोड़ रुपये का निवेश: 2024 में ऑटोमोबाइल उद्योग को मिली मजबूती ,भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 2024 के वित्तीय वर्ष में सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है “ऑटो पीएलआई स्कीम” (Production-Linked Incentive Scheme)। इस योजना के तहत भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में 67,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश आकर्षित हुआ है, जो आने वाले वर्षों में भारत को इलेक्ट्रिक और हरित वाहनों का प्रमुख हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि पर्यावरण के प्रति भी जागरूकता लाना है।

ऑटो पीएलआई योजना क्या है?

ऑटो पीएलआई योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही एक प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना है, जिसका लक्ष्य ऑटोमोबाइल और ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स निर्माण में निवेश को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत कंपनियों को अपने उत्पादन और बिक्री में वृद्धि के अनुसार प्रोत्साहन दिए जाते हैं। खासकर, इलेक्ट्रिक वाहनों और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, ताकि भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके।

ऑटो पीएलआई योजना के उद्देश्य

इस योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना: देश में ही उच्च गुणवत्ता वाले ऑटोमोटिव पार्ट्स का निर्माण।

नवाचार में वृद्धि: नए और आधुनिक तकनीकी समाधान विकसित करना।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर: इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देना।

नौकरी के अवसर: बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान करना।

67,000 करोड़ रुपये का निवेश: कैसे हुआ संभव?

सरकार ने इस योजना के तहत ऑटोमोबाइल उद्योग को मजबूत करने के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। सरकार की इस योजना में निवेश करने वाले उद्योग प्रमुखों को कई तरह के लाभ दिए जा रहे हैं। सरकार ने इस योजना में कुछ विशेष प्रावधान रखे हैं जो कंपनियों को आकर्षित करते हैं, जैसे कि कर में छूट और उत्पादन बढ़ाने पर प्रोत्साहन।

भारत में ऑटोमोबाइल निर्माण के लिए इस योजना के तहत कंपनियों को प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) दिए जा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि कंपनियां जितना ज्यादा उत्पादन करेंगी, उन्हें उतना ही ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा। इससे कंपनियां अधिक उत्पादन करने के लिए प्रेरित होंगी और निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं। इसी कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में 67,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ है।

ऑटो पीएलआई योजना के लाभ

1. निवेश में वृद्धि: इस योजना से ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 67,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है।

2. रोजगार के अवसर: लाखों युवाओं के लिए नौकरी के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

3. हरित वाहनों का विकास: योजना का एक प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल वाहनों का उत्पादन करना है।

4. आत्मनिर्भर भारत: देश को ऑटोमोबाइल निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में हुए बदलाव

ऑटो पीएलआई योजना के कारण भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में कई बदलाव देखे जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की मांग में तेजी आई है और कई कंपनियां अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह न सिर्फ पर्यावरण को बचाने में सहायक है, बल्कि पेट्रोल और डीजल की खपत को भी कम करता है। आने वाले समय में, इस योजना के कारण भारतीय सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी।

प्रमुख कंपनियां जो योजना से जुड़ीं

ऑटो पीएलआई योजना में कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया है। इनमें प्रमुख कंपनियों के नाम हैं:

मारुति सुजुकी इंडिया: भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी, जो इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

हीरो मोटोकॉर्प: दुपहिया वाहन निर्माण में अग्रणी हीरो मोटोकॉर्प भी इस योजना में शामिल है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा: इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश कर रही है और विभिन्न प्रकार के वाहन निर्माण की दिशा में अग्रसर है।

टाटा मोटर्स: टाटा मोटर्स इस योजना का पूरा लाभ उठाते हुए इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में तेजी ला रही है।

ऑटो पीएलआई योजना के कारण उत्पन्न होने वाले रोजगार

ऑटो पीएलआई योजना का एक प्रमुख लाभ रोजगार के अवसरों में वृद्धि है। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए श्रमिकों की मांग बढ़ी है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों से भी श्रमिकों का पलायन कम होगा। योजना के तहत कई कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हुए हैं।

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन: भविष्य की संभावनाएँ

सरकार की इस योजना का एक प्रमुख लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ाना है। इससे भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा। इसके अलावा, पर्यावरण पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी पड़ेगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक होते हैं। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है और इस योजना के कारण भारत में इनका निर्माण तेजी से बढ़ेगा।

हाइलाइट्स

ऑटो पीएलआई योजना के तहत ऑटोमोबाइल सेक्टर में 67,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

इलेक्ट्रिक और हरित वाहनों का उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान।

प्रमुख कंपनियां जैसे मारुति, हीरो, महिंद्रा, और टाटा मोटर्स इस योजना में शामिल।

लाखों नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

ऑटो पीएलआई योजना भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न सिर्फ स्थानीय उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों का निर्माण भी बढ़ेगा। यह योजना भारत को पर्यावरण के अनुकूल और हरित वाहनों का हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। आने वाले समय में इस योजना का लाभ न सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिलेगा, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी सहायक सिद्ध होगी। सरकार के इस प्रयास से भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा।

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